
माया सभ्यता का गणित और खगोल विज्ञान भारतीय व् यूनानी सभ्यता की तरह ही विकसित था। ग्रहों की स्थिति, सौरमान आदि के संबध में उनका ज्ञान चकित कर देने वाला था। इसी ज्ञान के आधार पर उन्होंने समय गणना पद्धतियों का विकास किया और कई कैलेंडर तैयार किये। उन में से एक कैलेंडर आज कल "माया कैलेंडर" के नाम से चर्चा में है। मीडिया के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस कैलेंडर में जो अंतिम तिथि दी गयी है वह ग्रेगरियन कैलेंडर के अनुसार २१ दिसम्बर २०१२ है। इसके बाद कोई तिथि न होने की कई बजह बताई जा रही हैं। मीडिया में प्रचारित सर्वधिक बजह यही बताई जा रही है - पृथ्वी का विनाश इस दिन होना! इसके बाद तिथियाँ न देने का कारण इसके बाद संसार का अस्तित्व न रहना।
इस तिथि पर वैश्विक प्रलय की कल्पना की जा रही है। इन्टरनेट पे कई ऐसी वेबसाईटस बन गयी हैं जिन पर उलटी गिनती के रूप में पृथ्वी के अस्तित्व के शेष बचे दिन, घंटे , मिनट और सेकंड्स बताये जा रहे हैं। इस तिथि से पूर्व में अन्य लोगों द्वारा की गयी भविषवाणियों को भी जोड़ कर देखा जा रहा है। आईनसटाईन की पृथ्वी के ध्रुवों के परिवर्तन की मान्यता को भी जोड़ा जा रहा है। हिन्दू धर्म में प्रचलित महा प्रलय को भी जोड़ा जा रहा है। अनुमान लगाये जा रहे हैं के इस दिन ऐसा क्या होगा जिस से जीवन नष्ट हो सकता है। ऐसे अनुमानों में ग्लोबल वार्मिंग, महाज्वाल्मुखी, पृथ्वी की संरचना में बदलाव, पृथ्वी के चुम्बकीय ध्रुवों का स्थान परिवर्तन, आकाश गंगा में महाविस्फोट, गामा किरणों का फटना ब्रह्माण्ड किरणों का उत्सर्जन, सौर परिवार का बिखराव, नाभकीय दुर्घटना, तीसरा विशव युद्ध, महामारी फैलना और यहाँ तक के दुसरे ग्रहों के निवासिओं का हमला। कहने का तात्पर्य यह है के विनाश के जो जो तरीके हमारी समझ में आ रहें हैं वोह वोह इस तिथि से जोड़े जा रहे हैं।
दूसरी ओर इस तिथि प्रभाव के विरुद्ध खंडन आन्दोलन भी चल रहा है। अपने अपने सिधान्तो के आधार पर खंडन की परिक्रिया संपन्न की जा रही है। वैज्ञानिक इसे "कपोल कल्पना" मानते hue किसी भी विनाश की आशंका से इनकार कर रहे हैं। अन्य क्षेत्रों के विद्वान् अपने अपने सिधान्तों से इसका खंडन कर रहे हैं। भारतीय ज्योतिषी सूर्या सिधांत, पुरानो में वर्णित युग, महायुग कल्प व्यवस्था के आधार पर इस से इंकार कर रहे हैं। गोचर कुंडली के आधार पर यह कहा जा रहा है के महा प्रलय तो नहीं होगी अपितु कुछ अप्रत्यातिश घाट सकता है जो के खंड प्रलय का आधार बन सकता है।
The World Will Not End
Mayan Calendar Prophecy
"They say that the world will end in December 2012. The Mayan elders are angry with this. The world will not end. It will be transformed." Carlos Barrios