Wednesday, December 16, 2009

माया कैलेंडर तारीख २१ दिसम्बर २०१२!!!




आजकल इलेक्ट्रोनिक मीडिया में २१ दिसम्बर २०१२ तारीख अत्यधिक चर्चा में है। इसे सभ्यता कि अंतिम तारीख, पृथ्वी के विनाश की तारीख आदि नामों से प्रचारित किया जा रहा है। इस तारीख का उद्भव "माया कैलेंडर" से हुआ है। माया कैलेंडर दक्षिणी मेक्सिको, ग्वाटेमाला, एल्सेवाडोर, बेलाइज, पश्चमी होंदारूस आदि क्षेत्रों में विकसित प्राचीन "माया सभ्यता" का कैलेंडर है। माया सभ्यता का एक अनुमान के अनुसार विकसित होना १८०० ई पू शुरू हुआ था। और नौवी शताब्दी तक अस्तित्व में रही। नौवीं शताब्दी में इसका एकाएक पतन होने लगा और यह एक सीमत क्षेत्र तक सिमट कर रह गयी.बाद में १२ -१६ शताब्दी के मध्य स्पेनिश व् अन्य साम्राजवादी ताकतों के कारण यह सभ्यता पूर्णतः विलुप्त हो गयी। अब इन देशों में पहाड़ी क्षेत्रों में ही कुछ स्थानों पर इस सभ्यता के वंशज रहते हैं।
माया सभ्यता का गणित और खगोल विज्ञान भारतीय व् यूनानी सभ्यता की तरह ही विकसित था। ग्रहों की स्थिति, सौरमान आदि के संबध में उनका ज्ञान चकित कर देने वाला था। इसी ज्ञान के आधार पर उन्होंने समय गणना पद्धतियों का विकास किया और कई कैलेंडर तैयार किये। उन में से एक कैलेंडर आज कल "माया कैलेंडर" के नाम से चर्चा में है। मीडिया के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस कैलेंडर में जो अंतिम तिथि दी गयी है वह ग्रेगरियन कैलेंडर के अनुसार २१ दिसम्बर २०१२ है। इसके बाद कोई तिथि न होने की कई बजह बताई जा रही हैं। मीडिया में प्रचारित सर्वधिक बजह यही बताई जा रही है - पृथ्वी का विनाश इस दिन होना! इसके बाद तिथियाँ न देने का कारण इसके बाद संसार का अस्तित्व न रहना।
इस तिथि पर वैश्विक प्रलय की कल्पना की जा रही है। इन्टरनेट पे कई ऐसी वेबसाईटस बन गयी हैं जिन पर उलटी गिनती के रूप में पृथ्वी के अस्तित्व के शेष बचे दिन, घंटे , मिनट और सेकंड्स बताये जा रहे हैं। इस तिथि से पूर्व में अन्य लोगों द्वारा की गयी भविषवाणियों को भी जोड़ कर देखा जा रहा है। आईनसटाईन की पृथ्वी के ध्रुवों के परिवर्तन की मान्यता को भी जोड़ा जा रहा है। हिन्दू धर्म में प्रचलित महा प्रलय को भी जोड़ा जा रहा है। अनुमान लगाये जा रहे हैं के इस दिन ऐसा क्या होगा जिस से जीवन नष्ट हो सकता है। ऐसे अनुमानों में ग्लोबल वार्मिंग, महाज्वाल्मुखी, पृथ्वी की संरचना में बदलाव, पृथ्वी के चुम्बकीय ध्रुवों का स्थान परिवर्तन, आकाश गंगा में महाविस्फोट, गामा किरणों का फटना ब्रह्माण्ड किरणों का उत्सर्जन, सौर परिवार का बिखराव, नाभकीय दुर्घटना, तीसरा विशव युद्ध, महामारी फैलना और यहाँ तक के दुसरे ग्रहों के निवासिओं का हमला। कहने का तात्पर्य यह है के विनाश के जो जो तरीके हमारी समझ में आ रहें हैं वोह वोह इस तिथि से जोड़े जा रहे हैं।
दूसरी ओर इस तिथि प्रभाव के विरुद्ध खंडन आन्दोलन भी चल रहा है। अपने अपने सिधान्तो के आधार पर खंडन की परिक्रिया संपन्न की जा रही है। वैज्ञानिक इसे "कपोल कल्पना" मानते hue किसी भी विनाश की आशंका से इनकार कर रहे हैं। अन्य क्षेत्रों के विद्वान् अपने अपने सिधान्तों से इसका खंडन कर रहे हैं। भारतीय ज्योतिषी सूर्या सिधांत, पुरानो में वर्णित युग, महायुग कल्प व्यवस्था के आधार पर इस से इंकार कर रहे हैं। गोचर कुंडली के आधार पर यह कहा जा रहा है के महा प्रलय तो नहीं होगी अपितु कुछ अप्रत्यातिश घाट सकता है जो के खंड प्रलय का आधार बन सकता है।
वास्तव में माया सभ्यता में खगोल विज्ञान विकसित अवस्था में था। उन्हों ने समय गणना को सूर्या शुक्र आदि ग्रहों की गति पर आधारित किया है। २१ दिसम्बर २०१२ भी खगोल विज्ञान ki दृष्टि से महत्वपूर्ण दिन है। क्योंकि प्रत्येक वर्ष २१ दिसम्बर के बिना २१ मार्च, २१ जून, और २३ सितम्बर भी खगोल विज्ञान में विशेष दिन माने जाते हैं। २१ मार्च और २३ सितम्बर विषुव दिन होते हैं। तो २१ जून और २१ दिसम्बर अपानंत दिन होते हैं। इनमे सूर्या क्रमश दक्षिणायन और उत्तरायण होता है। विद्वानों के अनुसार उक्त माया कैलेंडर में शरद अप्नानंत (winter solstice) को विशेष महत्व दिया गया है। और लगभग ५०० वर्ष पूर्व winter solstice से ही इस कैलेंडर का आरंभ हुआ था इस प्रकार यह कैलेंडर winter solstice पर ही ख़त्म होता है। इसमें भयभीत होने की की आवश्कता प्रतीत नहीं होती
दबी जुबान में मीडिया यह भी कह रहा है के संभवत २१ दिसम्बर २०१२ के उपरांत वैज्ञानिक विकास के कारण सभ्यता संस्कृति पूर्व से भिन्न होने के कारण इस तिथि के पश्चात माया कैलेंडर में कोई तिथि न दी गयी हो।
यह तो समय ही बताएगा के २१ दिस्मबर २०१२ को क्या होगा? परन्तु केवल इसी आधार पर के एक कैलेंडर की समाप्ति उस दिन हो रही है तो उसे महाप्रलय के रूप में प्रचारित कर दिया जाये यह उचित नहीं है...
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The World Will Not End
Mayan Calendar Prophecy
"They say that the world will end in December 2012. The Mayan elders are angry with this. The world will not end. It will be transformed." Carlos Barrios

1 comment:

  1. माया कैलेंडर दक्षिणी मेक्सिको, ग्वाटेमाला, एल्सेवाडोर, बेलाइज, पश्चमी होंदारूस आदि क्षेत्रों में विकसित प्राचीन "माया सभ्यता" का कैलेंडर है। अब इन देशों में पहाड़ी क्षेत्रों में ही कुछ स्थानों पर इस सभ्यता के वंशज रहते हैं। इससे यह भी प्रचलित हो सकता हे कि यह कैलेंडर सिर्फ और सिर्फ माया सभ्यता के बरेमेही निर्देशित करता हो ...................

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