Saturday, November 28, 2009

साढ़ेसाती उपचार


जिस पर भी हो साढ़ेसाती करे तेल का दान
दान की महिमा अद्भुत है दान से हो कल्याण।
कुत्ता जाति के जंतु को , देता रहे खुराक
रूखी सूखी जो भी हो, ऊपर रख दे साक।
कीट मकोड़ों को शक्कर तिल चावल के साथ
रोज़ दाल सके तो डाले जातक अपने हाथ
काला वस्त्र या जूता , तिल या काले फूल
दान करे साढ़ेसाती में , पड़े न उस पर धूल
शनि देव का व्रत करे , गंगा जल से स्नान
साढ़ेसाती के दौर में, जातक का कल्याण
दीन दुखी की सेवा भी, वृथा कभी न जाए
रोग शोक भय कष्ट मिटे, सुख सम्पति घर आए ।
माँ दुर्गा का पाठ करे, शंकर जी का ध्यान
शनि नहीं कर पायेगा , जातक को परेशान ।
शनिवार तेल पकोड़ा खाए और खिलाये
वातरोग का शमन करे यह नन्हा सा उपाए
महाबली हनुमान जी देते इसको घूर
बजरंगी के नाम से भागे कोसों दूर
समर्थ परानी कर सके नीलम का भी दान
या फ़िर काले उर्द का दान करे कल्याण
लौह धातु का दान भी सर से भोझ घटाए
दान सरसों के तेल का मरहम सा बन जाए
ॐ pran preen प्रौं स: शनये नम: का पाठ
श्रधा से जो भी करले उस जातक की ठाठ

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