
हाथ में छिपा है मीडिया सफलता का राज़
भारत में ५००० से अधिक दैनिक ,१६००० साप्ताहिक . ६०० पाक्षिक अख़बार और १०००० मासिक पत्रिकाएं छपती हैं. ये विशव में सबसे अधिक है. आज १०० के आस पास हिंदी, अहिन्दी व् विदेशी न्यूज़ चेन्नल हैं.
मीडिया रोज़गार का एक सक्षम माद्यम बन गया है.
मीडिया और हस्त रेखा शास्त्र का सम्बन्ध भी पुराना है. नारद मुनि हस्तरेखा शास्त्र के प्राचीनतम ग्रंथकार हैं. उनका सम्बन्ध समाचार और हस्तरेखा दोनों से ही है. अगर आप ने स्नातक स्तर तक की पुस्तक पढ़ी होगी तो उसमे नारद मुनि को प्रथम समाचार संवादाता कहा गया है. नारद जी इधर से उधर समाचार सुनाने का कार्य किया करते थे.
कश्यप मुनि ने वेद-ग्रंथों में एक शलोक लिखा है, जिसमे उन्होंने १८ व्यक्तियों को हस्तरेखा शास्त्र व ज्योतिष का धुरंधर आचार्य माना है. इनमें नारद जी आठवें स्थान पर हैं. राम चरित मानस के बालकाण्ड की शलोक संख्या ५७ के अनुसार -- महारिशी नारद जी ने पर्वत राज हिमालय एवं मैना की पुत्री पारवती का हाथ देख कर कहा ----
"जोगी जटिल अकाम मन नगन अमंगल वेष
अस स्वामी एही कहं , मिलही परि हस्त रेख"
अर्थात हे नरेश हिमायला! पारवती की हस्त रेखाएं बताती हैं के इसका पति त्रिलोक स्वामी हो कर भी वैरागी होगा. सर्व्मंगाल्कारी होगा किन्तु अमंगलकारी वेशभूषा धारण करेगा. लम्बे केश रखेगा किन्तु कामदेव जैसा मनमोहक होगा.
इन उदाहर्नो से पता चलता है के मीडिया और हस्तरेखा का साथ और कार्य पुराना है. प्राचीन काल में जब अखबार या टीवी आदि नहीं थे तब ऋषि मुनि या ग्रन्थ लेखक ही समाचारों का या तत्कालीन घटनायों का प्रसारण किया करते थे.
मीडिया आज सबसे अधिक ग्लेमरयुक्त प्रचारयुक्त और रोजगार से भरा क्षेत्र है. युवा वर्ग इस और अत्यधिक अगर्सर हो रहा है.
आईये हस्त रेखाओं से देखें कि मिडिया में कौन सफल होगा कौन नहीं
* यदि हाथ में गुरु और शनि ग्रह उन्नत हो , बुध कि ऊँगली टेढ़ी हो और शनि कि सीधी हो तो ऐसे जातक रेडियो पत्रकारिता में सफल होते हैं .
* हाथ में अगर गुरु, सूर्य , और शनि कि उँगलियाँ सीधी हो, सूर्य पर्वत अत्यधिक उठा हो और उस पर एक से अधिक साफ़ सुथरी रेखाएं हो . तो व्यक्ति सफल पत्रकार होता है.
* हाथ में अगर मस्तिषक रेखा शाखान्वित हो , सूर्य की ऊँगली बिलकुल सीधी साफ सुथरी और लम्बी हो, उँगलियाँ पतली हों और हाथ कोमल हो तो ऐसे लोग उच्च शरेनी के पत्रकार होते हैं.
सभी ग्रह पर्वत सशक्त हों हाथ चिकना व नर्म हो जीवन रेखा गोल, सूर्य रेखा एक से अधिक व लम्बी हो हाथ हल्का पर भरी बनावट का हो तो ऐसे लोग उच्च कोटि के पत्रकार होते हैं...
भारत में ५००० से अधिक दैनिक ,१६००० साप्ताहिक . ६०० पाक्षिक अख़बार और १०००० मासिक पत्रिकाएं छपती हैं. ये विशव में सबसे अधिक है. आज १०० के आस पास हिंदी, अहिन्दी व् विदेशी न्यूज़ चेन्नल हैं.
मीडिया रोज़गार का एक सक्षम माद्यम बन गया है.
मीडिया और हस्त रेखा शास्त्र का सम्बन्ध भी पुराना है. नारद मुनि हस्तरेखा शास्त्र के प्राचीनतम ग्रंथकार हैं. उनका सम्बन्ध समाचार और हस्तरेखा दोनों से ही है. अगर आप ने स्नातक स्तर तक की पुस्तक पढ़ी होगी तो उसमे नारद मुनि को प्रथम समाचार संवादाता कहा गया है. नारद जी इधर से उधर समाचार सुनाने का कार्य किया करते थे.
कश्यप मुनि ने वेद-ग्रंथों में एक शलोक लिखा है, जिसमे उन्होंने १८ व्यक्तियों को हस्तरेखा शास्त्र व ज्योतिष का धुरंधर आचार्य माना है. इनमें नारद जी आठवें स्थान पर हैं. राम चरित मानस के बालकाण्ड की शलोक संख्या ५७ के अनुसार -- महारिशी नारद जी ने पर्वत राज हिमालय एवं मैना की पुत्री पारवती का हाथ देख कर कहा ----
"जोगी जटिल अकाम मन नगन अमंगल वेष
अस स्वामी एही कहं , मिलही परि हस्त रेख"
अर्थात हे नरेश हिमायला! पारवती की हस्त रेखाएं बताती हैं के इसका पति त्रिलोक स्वामी हो कर भी वैरागी होगा. सर्व्मंगाल्कारी होगा किन्तु अमंगलकारी वेशभूषा धारण करेगा. लम्बे केश रखेगा किन्तु कामदेव जैसा मनमोहक होगा.
इन उदाहर्नो से पता चलता है के मीडिया और हस्तरेखा का साथ और कार्य पुराना है. प्राचीन काल में जब अखबार या टीवी आदि नहीं थे तब ऋषि मुनि या ग्रन्थ लेखक ही समाचारों का या तत्कालीन घटनायों का प्रसारण किया करते थे.
मीडिया आज सबसे अधिक ग्लेमरयुक्त प्रचारयुक्त और रोजगार से भरा क्षेत्र है. युवा वर्ग इस और अत्यधिक अगर्सर हो रहा है.
आईये हस्त रेखाओं से देखें कि मिडिया में कौन सफल होगा कौन नहीं
* यदि हाथ में गुरु और शनि ग्रह उन्नत हो , बुध कि ऊँगली टेढ़ी हो और शनि कि सीधी हो तो ऐसे जातक रेडियो पत्रकारिता में सफल होते हैं .
* हाथ में अगर गुरु, सूर्य , और शनि कि उँगलियाँ सीधी हो, सूर्य पर्वत अत्यधिक उठा हो और उस पर एक से अधिक साफ़ सुथरी रेखाएं हो . तो व्यक्ति सफल पत्रकार होता है.
* हाथ में अगर मस्तिषक रेखा शाखान्वित हो , सूर्य की ऊँगली बिलकुल सीधी साफ सुथरी और लम्बी हो, उँगलियाँ पतली हों और हाथ कोमल हो तो ऐसे लोग उच्च शरेनी के पत्रकार होते हैं.
सभी ग्रह पर्वत सशक्त हों हाथ चिकना व नर्म हो जीवन रेखा गोल, सूर्य रेखा एक से अधिक व लम्बी हो हाथ हल्का पर भरी बनावट का हो तो ऐसे लोग उच्च कोटि के पत्रकार होते हैं...
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